नीयत बदलती, इंसानियत नहीं। नीयत बदलती, इंसानियत नहीं।
मृत्यु ऐसा कड़वा सच जिसे स्वीकारना मुश्किल नकारना तो है नामुमकिन। मृत्यु ऐसा कड़वा सच जिसे स्वीकारना मुश्किल नकारना तो है नामुमकिन।
आज कविता सरल सहज नहीं उसने अपने रंग, चलन, ढब बदल लिये आज कविता सरल सहज नहीं उसने अपने रंग, चलन, ढब बदल लिये
इसलिए तो अधिकार माँगती औरतें किसी को पसंद नहीं। क्या पता कब सरेबाज़ार नग्न कर दें । और क... इसलिए तो अधिकार माँगती औरतें किसी को पसंद नहीं। क्या पता कब सरेबाज़ार न...
ख़्वाबों की बैसाखी से ही यहाँ तक आ पाया हूँ वरना दुनिया ने तो पहले ही अपाहिज कर रखा था। ख़्वाबों की बैसाखी से ही यहाँ तक आ पाया हूँ वरना दुनिया ने तो पहले ही अपाहिज ...
और कर रहे हैं शर्मिंदा सच को, झूठ के झुंड में। और कर रहे हैं शर्मिंदा सच को, झूठ के झुंड में।